Movie/Album: मुसाफ़िर (1957)
Music By: सलील चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: किशोर कुमार
मुन्ना बड़ा प्यारा, अम्मी का दुलारा कोई कहे चाँद, कोई आँख का तारा हँसे तो भला लगे, रोये तो भला लगे अम्मी को उसके बिना, कुछ भी अच्छा ना लगे जियो मेरे लाल, जियो मेरे लाल तुमको लगे मेरी उम्र, जियो मेरे लाल मुन्ना बड़ा प्यारा... एक दिन वो माँ से बोला, क्यूँ फूँकती है चूल्हा क्यूँ ना रोटियों का, पेड़ हम लगालें आम तोड़ें रोटी तोड़ें, रोटी-आम खा लें काहे कले लोज़-लोज़, तू ये झमेला अम्मी को आई हँसी, हँस के वो कहने लगी लाल मेहनत के बिना, रोटी किस घर में पकी जियो मेरे लाल, जियो मेरे लाल ओ जियो जियो जियो जियो मेरे लाल मुन्ना बड़ा प्यारा... एक दिन जो छुपा मुन्ना, ढूँढे ना मिला मुन्ना बिस्तर के नीचे, कुर्सियों के पीछे देखा कोना-कोना, सब थे साँस खींचे कहाँ गया कैसे गया, सब थे परेशाँ सारा जग ढूँढ थके, कहीं मुन्ना ना मिला मिला तो प्यार भरी, माँ की आँखों में मिला जियो मेरे लाल, जियो मेरे लाल ओ तुमको लगे मेरी उम्र, जियो मेरे लाल मुन्ना बड़ा प्यारा...