Movie/Album: लाजवन्ती (1958)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले, मन्ना डे
चँदा मामा मेरे द्वार आना आना रे, आना रे, आना रे ले के किरणों के हार आना आना रे, आना रे, आना रे चँदा मामा मेरे द्वार... तुम गगन के हो प्यारे मामाजी, मामाजी, मामाजी हम धरती के हैं तारे मामाजी, मामाजी, मामाजी आओ चँदा तारा खेलें हम, आओ आओ खेल एक न्यारा खेलें हम, आओ आना आना आना चँदा मामा मेरे द्वार... एलो बच्चों आन मिले हम, धूप में जैसे मिलती है शबनम तुम हो हमारे हम हैं तुम्हारे, कैसे न मिलते चाँद सितारें माफ़ हमें मामाजी करना, तुमको पड़ा है नीचे उतरना अरि मेरे प्यारे प्यारे बच्चों, ये तुमने क्या पूछा जो तुमसे झुककर मिलता है, वो है सबसे ऊँचा तुमसे है मिट्टी का आँगन, तारों की फुलवारी तुम हो तो लगती है धरती, अम्बर से भी प्यारी हमको इतने प्यार से तुम हो, अपने पास बुलाते बोलों नन्हें मुन्ने बच्चों, हम कैसे ना आते आहा फूल सी खिल गयी जी आहा जी, आहा जी, आहा जी बिछड़ी हुई मिल गयी जी आहा जी, आहा जी, आहा जी, मामाजी कोई गीत अनोखा गाना जी हम सबसे मिले है मामाजी आना आना आना चँदा मामा मेरे द्वार... मामाजी एक बात बताना, सच-सच कहना कुछ न छुपाना हम तो तुम्हें थे रोज़ बुलाते, रोज़ तुम्हारे गीत थे गाते और कभी तो तुम न आये, आज तुम्हें हम कैसे भाये अच्छा अच्छा बतलाता हूँ, बिल्कुल सच्ची सच्ची ठहरो पीछे बतलाता हूँ, पहले दो एक पप्पी ये तो सुना होगा तुमने भी, मेरे भोले भाले मुझ पर डोरे डाल रहे हैं, कब से दुनिया वाले मुझको उनसे बैर नहीं है, शौक से आएँ जाएँ उनसे कहना जंग और नफरत, अपने साथ न लाये क्रोध का पद चतुराई, आने वालों से ले लेना थोड़ा थोड़ा उनको, अपना भोलापन दे देना मामाजी नज़दीक तो आओ, ये बुढ़िया है कौन बताओ टुक टुक हमको ताक रही है, बैठी चरखा कात रही है ना ना यूँ ताना मत मारो, ये तो मेरी माँ है प्यारों मेरी माँ भी मामा प्यारे, रहती है अब देश तुम्हारे उससे तुम एक बार मिला दो, उसको मेरे पास बुला दो हाँ हाँ मुन्नी दूर नहीं अब, तुझसे तेरी माता तुझ पर तो उसकी ममता का, साया है लहराता एक तू ही क्या मुझको भी, अब होगी ना मजबूरी बच्चा माता मामा सबकी, मिट जायेगी दूरी समय बदलने की है देरी, फिर हम मिल जायेंगे अच्छा बच्चों देर हुई, जाते है फिर आयेंगे आना आना आना चँदा मामा मेरे द्वार...