Type Here to Get Search Results !

दर्द अपना लिख ना पाए - Dard Apna Likh Na Paye (Jagjit Singh, Ghazal)

Movie/Album: कहानी गुड़िया की (2008)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: मदन पाल
Performed By: जगजीत सिंह

दर्द अपना लिख ना पाए, ऊँगलियाँ जलती रहीं
रस्मों के पहरे में, दिल की चिट्ठियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए...

ज़िन्दगी की महफिलें सजती रहीं हर पल मगर
मेरे कमरे में मेरी तन्हाइयाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए...

बारिशों के दिन गुज़ारे, गर्मियाँ भी कट गयीं
पूछ मत हमसे कि कैसे सर्दियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए...

तुम तो बादल थे, हमें तुमसे बड़ी उम्मीद थी
उड़ गए बिन बरसे तुम भी, बस्तियाँ जलती रहीं
दर्द अपना लिख ना पाए...

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad