Movie/Album: वो लम्हें (2006)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: फ़याज़ हाशमी
Performed By: के.के.
क्यूँ आजकल नींद कम ख़्वाब ज़्यादा है लगता खुदा का कोई नेक इरादा है कल था फकीर आज दिल शहज़ादा है लगता खुदा का कोई नेक इरादा है क्या मुझे प्यार है कैसा खुमार है पत्थर के इन रस्तों पे फूलों की इक चादर है जबसे मिले हो हमको बदला हर इक मंज़र है देखो जहां में नीले-नीले आसमां तले रंग नये-नये हैं जैसे घुलते हुए सोए से ख्वाब मेरे जागे तेरे वास्ते तेरे ख़यालों से हैं भीगे मेरे रास्ते क्या मुझे प्यार है... तुम क्यों चले आते हो हर रोज इन ख्वाबों में चुपके से आ भी जाओ इक दिन मेरी बाहों में तेरे ही सपने अंधेरों में, उजालों में कोई नशा है तेरी आँखों के प्यालों में तू मेरे ख्वाबों में, जवाबों में, सवालों में हर दिन चुरा तुम्हें मैं लाता हूँ ख़यालों में क्या मुझे प्यार है...