Movie/Album: चोरी चोरी (1956)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, मन्ना डे
ये रात भीगी-भीगी, ये मस्त फिज़ायें उठा धीरे-धीरे, वो चाँद प्यारा प्यारा क्यों आग सी लगा के, गुमसुम हैं चांदनी सोने भी नहीं देता, मौसम का ये इशारा ये रात भीगी-भीगी... इठलाती हवा, नीलम सा गगन कलियों पे ये बेहोशी की नमी ऐसे में भी क्यों बेचैन है दिल जीवन में ना जाने क्या है कमी ये रात भीगी-भीगी... जो दिन के उजाले में ना मिला दिल ढूँढें ऐसे सपने को इस रात की जगमग में डूबी मैं ढूँढ रही हूँ अपने को ये रात भीगी-भीगी... ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं भूले से जो हमको याद करे एक हलकी सी मुसकान से जो सपनों का जहां आबाद करे ये रात भीगी-भीगी...