Movie/Album: माटी मांगे खून
Performed By: गुलाम अली
ये दिल ये पागल दिल मेरा क्यों बुझ गया आवारगी इस दश्त में इक शहर था वो क्या हुआ आवारगी कल शब मुझे बेशक्ल की आवाज़ ने चौंका दिया मैंने कहा तू कौन है उसने कहा आवारगी ये दिल ये पागल... ये दर्द की तन्हाईयाँ ये दश्त का वीरान सफर हम लोग तो उकता गए अपनी सुना आवारगी ये दिल ये पागल... इक अजनबी झोंके ने जब पूछा मेरे गम का सबब सहरा की भीगी रेत पर मैंने लिखा आवारगी ये दिल ये पागल... कल रात तनहा चाँद को देखा था मैंने ख्वाब में मोहसिन मुझऐ रास आएगी शायद सदा आवारगी ये दिल ये पागल...