Movie/Album: खट्टा मीठा (2010)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: के.के., सुनिधि चौहान
सजदे किये हैं लाखों, लाखों दुआएँ माँगी पाया है मैंने फिर तुझे चाहत की तेरी मैंने, हक में हवाएँ माँगी पाया है मैंने फिर तुझे तुझसे ही दिल ये बहला, तू जैसे कलमा पहला चाहूँ ना फिर क्यूँ मैं तुझे, जिस पल ना चाहा तुझको उस पल सज़ाएँ माँगी पाया है मैंने... जाने तू सारा वो, दिल में जो मेरे हो पढ़ ले तू आँखें हर दफ़ा नखरे से ना जी भी, होते हैं राज़ी भी तुझसे ही होती हैं खफ़ा जाने तू बातें सारी, कटती हैं रातें सारी जलते दिये सी अनबुझे उठ-उठ के रातों को भी, तेरी वफ़ाएँ माँगी पाया है मैंने... चाहत की काजल से, किस्मत के कागज पे अपनी वफ़ाएँ लिख ज़रा बोले ज़माना यूँ, मैं तेरे जैसी हूँ तू भी तो मुझसा दिख ज़रा मेरा ही साया तू है, मुझमें समाया तू है हर पल ये लगता है मुझे खुद को मिटाया मैंने, तेरी बलाएँ माँगी पाया है मैंने फिर तुझे चाहे तू चाहे मुझको, ऐसी अदाएँ माँगी पाया है मैंने फिर तुझे