Music By: मेहदी हसन (नट भैरव)
Lyrics By: रज़ा
Performed By: मेहदी हसन
जो चाहते हो, सो कहते हो चुप रहने की लज्ज़त क्या जानो ये राज़-ए-मुहब्बत है प्यारे तुम राज़-ए-मुहब्बत क्या जानो अलफ़ाज़ कहाँ से लाऊँ मैं छाले की टपक समझाने को इज़हार-ए-मुहब्बत करते हो एहसास-ए-मुहब्बत क्या जानो ये राज़-ए-मुहब्बत है... क्या हुस्न की भीख भी होती है जब चुटकी-चुटकी जुडती है हम अहल-ए-गरज़ जाने इसको तुम साहिब दौलत क्या जानो ये राज़-ए-मुहब्बत है... है फर्क बड़ा ऐ जान-ए-रज़ा दिल देने में, दिल लेने में उल्फत का तआल्लुक जानके भी रिश्ते की नज़ाकत क्या जानो ये राज़-ए-मुहब्बत है...