Music By: मेहदी हसन
Lyrics By: फैज़ अहमद 'फैज़'
Performed By: मेहदी हसन
गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है यारों, सबा से कुछ तो कहो कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले चले भी आओ... जो हमपे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ हमारे अश्क तेरे आक़बत सँवार चले चले भी आओ... कभी तो सुबह तेरे कुंज-ए-लब्ज़ हो आग़ाज़ कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-ए-बार चले चले भी आओ... मक़ाम 'फैज़' कोई राह में जचा ही नहीं जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले चले भी आओ... गाने के आगे: बड़ा है दर्द का रिश्ता, ये दिल ग़रीब सही तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसार चले चले भी आओ... हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब गिरह में लेके गरेबाँ का तार तार चले चले भी आओ...