Movie/Album: निकाह (1982)
Music By: रवि शंकर
Lyrics By: हसरत मोहनी
Performed by: गुलाम अली
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है तुझ से मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा और तेरा दांतों में वो उंगली दबाना याद है चुपके चुपके रात दिन... चोरी-चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह मुद्दतें गुजरीं पर अब तक वो ठिकाना याद है चुपके चुपके रात दिन... खैंच लेना वो मेरा परदे का कोना दफ्फातन और दुपट्टे से तेरा वो मुंह छुपाना याद है चुपके चुपके रात दिन... तुझ को जब तनहा कभी पाना तो अज राह-ऐ-लिहाज़ हाल-ऐ-दिल बातों ही बातों में जताना याद है चुपके चुपके रात दिन... आ गया गर वस्ल की शब् भी कहीं ज़िक्र-ए-फिराक वो तेरा रो-रो के भी मुझको रुलाना याद है चुपके चुपके रात दिन... दोपहर की धुप में मेरे बुलाने के लिए वो तेरा कोठे पे नंगे पांव आना याद है चुपके चुपके रात दिन... गैर की नज़रों से बचकर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ वो तेरा चोरी छिपे रातों को आना याद है चुपके चुपके रात दिन... बा हजारां इस्तिराब-ओ-सद-हजारां इश्तियाक तुझसे वो पहले पहल दिल का लगाना याद है चुपके चुपके रात दिन... बेरुखी के साथ सुनना दर्द-ऐ-दिल की दास्तां वो कलाई में तेरा कंगन घुमाना याद है चुपके चुपके रात दिन... वक्त-ए-रुखसत अलविदा का लफ्ज़ कहने के लिए वो तेरे सूखे लबों का थर-थराना याद है चुपके चुपके रात दिन... बावजूद-ए-इद्दा-ए-इत्तक़ा 'हसरत' मुझे आज तक अहद-ए-हवास का ये फ़साना याद है