Movie/Album : जश्न (2006)
Lyrics By : जनाब ज़फर गोरखपुरी
Performed By : पंकज उदास
और आहिस्ता कीजिये बातें, धड़कने कोई सुन रहा होगा लफ्ज़ गिरने ना पाए होठों से, वक़्त के हाथ इनको चुन लेंगे कान रखते हैं ये दरो-दीवार, राज़ की सारी बात सुन लेंगे ऐसे बोलो की दिल का अफसाना, दिल सुने और निगाह दोहराए अपने चारों तरफ की ये दुनिया, सांस का शोर भी ना सुन पाए, ना सुन पाए आइये बंद करलें दरवाजे, रात सपने चुरा ना ले जाए कोई झोंका हवा का आवारा, दिल ही की बातों को उड़ा ना ले जाये, ना ले जाये आज इतने करीब आ जाओ, दूरियों का कहीं निशां ना रहे ऐसे एक दूसरे में गुम हो जाएँ, फासला कोई दरमियान ना रह जाये, ना रह जाये