Movie/Album: ख़ुमार (2000)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर
Performed By: जगजीत सिंह
चराग़-ओ-आफ़ताब ग़ुम बड़ी हसीन रात थी शबाब की नक़ाब गुम बड़ी हसीन रात थी मुझे पिला रहे थे वो के ख़ुद ही शम्माँ बुझ गई गिलास ग़ुम, शराब ग़ुम बड़ी हसीन रात थी... लिखा था जिस किताब में के इश्क़ तो हराम है हुई वही किताब ग़ुम बड़ी हसीन रात थी... लबों से लब जो मिल गए लबों से लब ही सिल गए सवाल ग़ुम. जवाब ग़ुम बड़ी हसींन रीत थी...