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बेज़ुबाँ - Bezubaan (Anupam Roy, Piku)

Movie/Album: पिकू (2015)
Music By: अनुपम रॉय
Lyrics By: मनोज यादव
Performed By: अनुपम रॉय

किस लम्हें ने थामी ऊँगली मेरी
फुसला के मुझको ले चला
नंगे पाँव दौड़ी आँखें मेरी
ख़्वाबों की सारी बस्तियां
हर दूरियाँ हर फासले, करीब है
इस उम्र की भी शख्सियत अजीब हैं

झीनी झीनी इन साँसों से
पहचानी सी आवाज़ों में
गूंजा है आज आसमाँ
कैसे हम बेज़ुबाँ
इस जीने में कहीं हम भी थे
थे ज्यादा या ज़रा कम ही थे
रुक के भी चल पड़े मगर
रस्ते सब बेज़ुबाँ

जीने की ये कैसी आदत लगी
बेमतलब कर्ज़े चढ़ गए
हादसों से बच के जाते कहाँ
सब रोते-हँसते सह गए
अब गलतियाँ जो मान लीं तो ठीक है
कमज़ोरियों को मात दी तो ठीक है
झीनी झीनी इन साँसों से...

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