Movie/Album: दिल चाहता है (2001)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: श्रीनिवास
कैसी है ये रुत कि जिसमें फूल बनके दिल खिले घुल रहे हैं रंग सारे, घुल रही हैं खुशबुएँ चाँदनी, झरने, घटायें, गीत, बारिश, तितलियाँ हम पे हो गये हैं सब मेहरबां कैसी है ये रुत... देखो, नदी के किनारे पंछी पुकारे, किसी पंछी को देखो, ये जो नदी है मिलने चली है, सागर ही को ये प्यार का ही सारा है कारवाँ कैसी है ये रुत... कैसे, किसी को बतायें कैसे ये समझायें, क्या प्यार है इसमें, बंधन नहीं है और ना कोई भी, दीवार है सुनो प्यार की निराली है दास्ताँ कैसी है ये रुत...