Movie/Album: हम हिन्दुस्तानी (1960)
Music By: उषा खन्ना
Lyrics By: प्रेम धवन
Performed By: मुकेश
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं चांद के दर पर जा पहुँचा है आज ज़माना नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी हम हिन्दुस्तानी... हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने कितने हैं अजंता हमको और सजाने अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने नया खून है... आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएँ अपने हाथों से अपना भगवान बनाएँ राम की इस धरती को, गौतम की भूमि को सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ नया खून है... दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के दीप जलाए हैं ये कितने दीप बुझा के ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को रखना होगा हर दुश्मन से आज बचा के नया खून है... हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो मिट्टी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो सोने की ये गंगा है, चांदी की जमुना चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो नया खून है...