Movie/Album: शमा (1974)
Music By: एम.अशरफ
Lyrics By: तस्लीम फ़ज़ली
Performed By: मेहदी हसन
ये तेरा आना भीगी रातों में चुपके-चुपके दिल की बातें, आँखों से कह देना रुकते रुकते, सबसे छुपके आहट दे के छुप जाती हो तरसाती हो, तड़पाती हो बन के फूल नज़र आती हो खुशबू बन के उड़ जाती हो दिल में मचा देती हो हलचल दिल में रहकर आँख से ओझल छोड़ो तड़पाना, बाहों में आ जाना रुकते रुकते... नील कँवल जैसा ये मुखड़ा बन गया इन्सां चाँद का टुकड़ा बाहों में शाखों की नर्मीं साँसों में चाहत की गर्मी भोली-भाली तेरी अदाएं सीधी-साधी तेरी वफाएं छन-छन करती पायल कर गयी दिल को घायल रुकते रुकते...