Movie/Album: यारियाँ (2014)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: के.के.
जब चोट कभी मेरे लग जाती थी तो आँख तेरी भी तो भर आती थी माँ, ओ माँ जब चोट कभी मेरे लग जाती थी तो आँख तेरी भी तो भर आती थी एक छोटी सी फूंक से तेरी सभी दर्द मेरे होते थे गुम आज भी कोई चोट लगे तो याद आती हो.. आज भी मेरी, आँख भरे तो याद आती हो... माँ, मेरी माँ... तेरी बातों में, अपनी हर इक मैं उलझन का हल पा लेता था तेरे हाथों की, रोटी अक्सर ही भूख से ज्यादा खा लेता था तेरा हिस्सा मैं, तेरा किस्सा मैं जो सबको सुनाती हो तुम आज भी मेरी बात चले तो याद आती हो... मेरी माँ... कोने को थामे, तेरे आँचल के बेफिक्रा मैं सो जाता था मेरे दिल में क्या, है तेरे बिना माँ कोई समझा ही ना पाता था जो हो संग तू ना, तो हो जग सुना प्यार इतना जताती हो तुम आज भी कोई साज़ लगे तो याद आती हो... मेरी माँ... रीप्राईज़: हारूं या जीतूं, मुझको तू अपना राजा बेटा ही कहती थी मेरी गलती को, अपनी कह कर तू डांट भी बाबा की सहती थी तेरा देना माँ, दे ना पाऊं मैं राह अब भी दिखाती हो तुम आज भी कोईअटकन हो तो याद आती हो... मेरी माँ...