Lyrics By: शेख 'आदम' आबोवाला
Performed By: पंकज उदास
खुदा का शुक्र है वरना गुज़रती कैसे शाम शराब जिसने बनाई उसे हमारा सलाम खुदा... ये जीते जी ही कराती है सैर जन्नत की इसीलिए ही तो शायद हुई शराब हराम शराब... ये मैकदा है यहाँ का निजाम उल्टा है जो लड़खा ना सका पी के हो गया बदनाम शराब... शराब इतनी शरीफाना चीज़ है आदम के पी के आदमी सच बोलता है सुबह-शाम शराब...