Lyrics By: नासिर काज़मी
Performed By: गुलाम अली
ग़म है या खुशी है तू मेरी ज़िन्दगी है तू आफतों के दौर में चैन की घड़ी है तू गम है या खुशी... मेरी रात का चिराग मेरी नींद भी है तू गम है या खुशी... मैं खिज़ां की शाम हूँ रूत बहार की है तू गम है या खुशी... दोस्तों के दरमियाँ वजह दोस्ती है तू गम है या खुशी... मेरी सारी उम्र में एक ही कमी है तू गम है या खुशी... मैं तो वो नहीं रहा हाँ, मगर वोही है तू गम है या खुशी... 'नासिर' इस दयार में कितना अजनबी है तू गम है या खुशी...